Jan 10, 2009

ख़ुद से वचन

सात रंगों से सजा ये जीवन है मेरा,
दूरियों को परास्त करते ये रंग हैं मेरे,
इस जीवन में सजाने की भावना उस इन्द्रधनुष को लिए,
अपनी अलग सी सपनों की दुनिया बनाना,
ये ख़ुद से वचन है मेरा!!


ख़ुद के सूरज और ख़ुद के चाँद को अपने जीवन में लाऊँ,
इस जीवन में कुछ ऐसा कर जाऊँ,
ना देखूं ना सुनूं,
बस कल्पना के पंख लगा कर आज उड़ जाऊँ.
पृथ्वी के कोने को छूने का प्रण है मेरा,
अपनी अलग सी सपनों की दुनिया बनाना ये ख़ुद से वचन है मेरा!!


देखो फ़िर ये सूरज निकल पड़ा,
मेरी अपनी सी लगती रात को अपने आगोश में ले लिया,
इस सूरज से भी ऊँचा जाऊं,
रात की खामोशी को कभी ना भुलाऊँ,
बस उसकी गोद में सर रख कर सोता जाऊँ,
रात की ममता की सभी को अनुभूति कराऊँ।

यही बस ख्वाब है मेरा,
अपनी अलग सी सपनों की दुनिया बनाना ये ख़ुद से वचन है मेरा!!

1 comment:

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर…आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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