Jan 15, 2009

मन हमारा, जो लिखे वो तुम्हारा... पढ़ें और बतायें, कैसी लगी!!!



Hello Everyone!!!


This post celebrates my first book in print, a self published one and a compilation of my POEMS in HINDI.



Do purchase the book so that I can feel the “push” and continue writing more.
Will be waiting for all your comments here, and so for the time being, will stop my blog posts to keep this post “NEW”.





Can find the book in here at:

Jan 10, 2009

ख़ुद से वचन

सात रंगों से सजा ये जीवन है मेरा,
दूरियों को परास्त करते ये रंग हैं मेरे,
इस जीवन में सजाने की भावना उस इन्द्रधनुष को लिए,
अपनी अलग सी सपनों की दुनिया बनाना,
ये ख़ुद से वचन है मेरा!!


ख़ुद के सूरज और ख़ुद के चाँद को अपने जीवन में लाऊँ,
इस जीवन में कुछ ऐसा कर जाऊँ,
ना देखूं ना सुनूं,
बस कल्पना के पंख लगा कर आज उड़ जाऊँ.
पृथ्वी के कोने को छूने का प्रण है मेरा,
अपनी अलग सी सपनों की दुनिया बनाना ये ख़ुद से वचन है मेरा!!


देखो फ़िर ये सूरज निकल पड़ा,
मेरी अपनी सी लगती रात को अपने आगोश में ले लिया,
इस सूरज से भी ऊँचा जाऊं,
रात की खामोशी को कभी ना भुलाऊँ,
बस उसकी गोद में सर रख कर सोता जाऊँ,
रात की ममता की सभी को अनुभूति कराऊँ।

यही बस ख्वाब है मेरा,
अपनी अलग सी सपनों की दुनिया बनाना ये ख़ुद से वचन है मेरा!!

Jan 9, 2009

where is god when love is not alive????

people come and read and don't dare to show.... what kind of animal are you all??????

i never asked you to be with me... why so scared???

stop treating me like an entertainment.... i am not a multiplex show.... plzz....

get away from me.....

MY COPYRIGHT..2....:)

Give me a day and i will write a story,
Grant me a month and I won't even scribble a word,
That's the way,
Life sculptured me,
And I am too stubborn to deny the fact that,
Life made a HUMAN out of me,
Otherwise I WAS JUST PROUD TO BE AN ANIMAL.....

Jan 6, 2009

TELL ME R & F

Rasputin & Fakir, suddenly I am having these thought losses... and am very scared to go into the dry phase that i usually go into...guide me through this....



Rasputin: Don't worry Amit, everything is going to get straightened and soon you will have more thoughts than you can pen down in here.... Why getting scared.... transition is the way life makes us feel its existence....So be brave....cherish your dryness too.... it will make you feel the thirst and need for something to wet you.....:)


Fakir: I agree with Rasputin this time Amit.... believe, have faith.... on Shiva and yourself.... If you have faith on god you will never lose faith on yourself.... so go to him... more than you went before.....ask him.....share your problems with him.... he won't reply but he will take care of things that you are worried about..... about the dryness.... why are you so concerned... take his name, hold the pen.... start writing.... he will guide your hand....and you will see the most beautiful picture emerging out of the dry thoughts....probably it will be better than the ones before.....


thnx both of you..... you people are sweethearts.... love you a lot....:)


Jan 5, 2009

RANDOM....

GOD HELP ME FIGHT THIS....
YOU HAVE TO.....
HELP ME DO THIS.....
HELP ME....

Jan 3, 2009

पापा, एक बार....

पापा, एक बार पलट कर फ़िर से देखो न,
मैं वैसा नहीं,
जैसा दिखता हूँ।

पापा ऐसा कभी नहीं चाहा मैंने,
की तुम्हें चोट पहुचे,
पर पापा मन् थोरा नादान था,
वो बेहेक गया,
जाने कैसे उसने एक ऐसी राह ले ली,
जो तुम नहीं चाहते थे,
पर अब तो मैं वापिस आ गया हूँ,
तुम्हारे साथ चलना चाहता हूँ,
पापा, फ़िर भी ऐसा क्यूँ लगता है की,
तुम मुझे अभी भी वैसे हीं देखते हो।

बचपन में तुमने मेरी सारी गलतियाँ माफ़ की है न पापा,
आज क्या मैं इतना बरा हो गया,
तुम माफ़ क्यूँ नहीं कर पा रहे मुझे पापा?

बरा होना अगर ऐसा था,
तो मुझे कभी भी बरा नहीं होना था,
मुझे अभी भी मेरे घोरे की सवारी करनी है,
जो कभी भी थकता नहीं था,
मुझे मेरे पापा चाहिए जो मुझे कुछ भी ला देते थे,
कभी डांटते,
फ़िर प्यार से गले लगा लेते।

पापा, तुमने एक बार मुझे मारा था,
फ़िर रात भर मेरे बगल में बैठे थे,
मुझे मनाते,
आज क्यूँ नहीं मना लेते मुझे,
क्यूँ नहीं बैठते मेरे पास आ कर?

क्या करूंगा मैं बरा हो कर पापा,
मुझे बस आपका बेटा बनना है,
और किसी से क्या लेना देना?

पापा एक बार पलट कर फ़िर देखो न,
मैं बरा नहीं हुआ,
मैं वही हूँ, आपका छोटा बेटा,
जिसके घुंघराले बालों में आपकी उँगलियाँ फस जाया करती थी,
जिसके नाखूनों को आप बरे प्यार से काटते थे,
जिसके पैर गंदे होने पर,
आप उन्हें ख़ुद साफ़ कर दिया कर देते थे।

पापा ज़िन्दगी से लरते लरते,
पता नहीं कहाँ खो गया मैं,
खोज लो न मुझे पापा,
बुला लो न मुझे,
देखो न, मेरे बाल उलझ गए हैं,
कितने गंदे हो गए हैं मेरे ये नाखून,
आ जाओ न पापा,
ले जाओ न मुझे।

पापा, देखो न एक बार पलट कर,
मैं वैसा नहीं,
जैसा दिखता हूँ।

REALLY ANGRY ON RASPUTIN!!!!

I don't know why it always happens....

wanted to drink......OK
wanted to drink less......OK
wanted to be in senses.......OK
wanted to enjoy.......OK

and
ended up drinking more than ever...... WHY???

there were no questions of remaining in senses....damn it!!! i don't even remember what the bloody fuck i was talking yesterday..... and still am dizzy.... Happy!!!!RASPUTIN... I should have never allowed you to take control over me.... WHY DID I TRUST YOU????

enjoy... ya probably i did....but i don't remember.... i do remember running to wash room twice to vomit......WASN'T THIS GREAT....

Jan 2, 2009

GIRLS .... :(

"जाओ मैं तुमसे बात नही करती, तुम आज भी पी कर आए हो," एक प्रेमिका ने अपने प्रेमी के पीने की आदत से नाराज़गी दिखाते हुए, "प्यार" से कहा ।

"अच्छा ऐसी बात है, तो पहले क्यूं नही कहा, मैं रोज़ पी कर आता, कम से कम तुमसे बात करने से तो बच जाता, "
प्रेमी ने हँस कर जवाब दिया ।

"ऐसी बात है, तुम मुझसे बात नही करोगे तो तुम्हें अच्छा लगेगा, तो मैं चली जाती हूँ, आज के बाद कभी नही आऊँगी," प्रेमिका ने इस बार पिछली बार के मुकाबले थोरी और कठोरता का इस्तमाल किया ।

" अगर ऐसा हो जाए तो मज़ा आ जाए," प्रेमी ने फ़िर से मज़ाक में उस बात को टाल दिया ।

वो मज़ाक थोरा मंहगा पर गया और प्रेमिका घर चोर कर चली गई।

प्रेमी ने रोकने की कोशिश की पर प्रेमिका के ने गुस्से ने उसे रुकने की अनुमति नही दी।

प्रेमी के घर का हाल:

प्रेमी ने थोरी देर अपनी प्रेमिका से संपर्क बनाने की कोशिश की। हर कोशिश नाकाम होने के बाद, प्रेमी ने शराब के दो घूँट और गटके, बिस्तर पर लेटा और सो गया।

प्रेमिका के घर का हाल:

प्रेमिका रात भर परेशान रही और सोचती रही की क्या उसके प्रेमी को सच में उससे इतनी शिकायतें हैं। नींद का नामोनिशान नहीं था उसकी आंखों में। रात भर परेशान रहने के बाद, दूसरे दिन सारी बातें वापिस से अपने स्थान पर शकुशल लौट चुकी थी।
दोनों के बीच में सुलह हो गई और आपस का प्यार अभी भी बरकरार था।


अब आप लोग बताइए, की who was at the loss???? lolzzzz

this is what i say to all the girls.... stop thinking like bloody SOCRATES, live your life and enjoy!!!..:)


Jan 1, 2009

RANDOM THOUGHTS!!!

I was offered scotch today and i refused!!!!!

This is some good start I suppose....:)

I don't like such changes but sometimes you need to change... as I have mentioned before in one of my early posts.... NEED OF THE MOMENT V/S MOMENT.

A common myth does recommend to drink and enjoy as it is the start of the year but the moment suddenly felt so pious that I refused... Anyways it feels good whenever you do something which strengthens your will power.

I could feel a change in the temperature around and suddenly the air seems to be less polluted. Probably 2009 has seriously arrived for me. Was waiting for this.

Was on phone with Anu while the clock struck 12:00 and we both were confused as the noise outside in both the places suggested celebrations but we both didn't have a time piece in front of us. Later on after realizing that THE NEW YEAR has arrived we both wished each other and I continued with my studies..

About RESOLUTIONS, I haven't given that any thought yet and probably won't indulge in it. "ALL THE PROMISES ARE MADE TO BE BROKEN AND ALL THE NEW YEAR RESOLUTIONS ARE THE LIES SPOKEN!!"...that was good....;)

some Hindi poet said this someday.....

"नए साल की खुशी में,
पुराने को भुला देना,
ये साल भी कभी पुराना हो जाएगा,
उसे ये एहसास दिला देना

पिछले साल में जो किया,
उसकी यादों को सीढी बना,
नए साल की नई यादें बना लेना"...

but who is the poet???.....
it is me....;).... who else???...:o
and I am saying this today....:)

२००९ की शुभकामनाएं!!

A VERY HAPPY NEW YEAR-2009, TO ALL...:)

First Guest Post: RANDOMLY ACCURATE!

I am sitting in front of the television, watching something but not actually watching as my eyes are stuck on the screen but my mind i...