सात रंगों से सजा ये जीवन है मेरा,
दूरियों को परास्त करते ये रंग हैं मेरे,
इस जीवन में सजाने की भावना उस इन्द्रधनुष को लिए,
अपनी अलग सी सपनों की दुनिया बनाना,
ये ख़ुद से वचन है मेरा!!
ख़ुद के सूरज और ख़ुद के चाँद को अपने जीवन में लाऊँ,
इस जीवन में कुछ ऐसा कर जाऊँ,
ना देखूं ना सुनूं,
बस कल्पना के पंख लगा कर आज उड़ जाऊँ.
पृथ्वी के कोने को छूने का प्रण है मेरा,
अपनी अलग सी सपनों की दुनिया बनाना ये ख़ुद से वचन है मेरा!!
देखो फ़िर ये सूरज निकल पड़ा,
मेरी अपनी सी लगती रात को अपने आगोश में ले लिया,
इस सूरज से भी ऊँचा जाऊं,
रात की खामोशी को कभी ना भुलाऊँ,
बस उसकी गोद में सर रख कर सोता जाऊँ,
रात की ममता की सभी को अनुभूति कराऊँ।
यही बस ख्वाब है मेरा,
अपनी अलग सी सपनों की दुनिया बनाना ये ख़ुद से वचन है मेरा!!
Jan 10, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
First Guest Post: RANDOMLY ACCURATE!
I am sitting in front of the television, watching something but not actually watching as my eyes are stuck on the screen but my mind i...

-
After hearing a lot about the movie “ GHAJINI ” I thought why not to write a spoof of it?? So here it goes…. Players: Govinda ...
-
THE INNER WORLDS OF FAITH/SUPERSTITION “ MOKSHA” or “MUKTI ” is no longer a HINDUISM m...
-
I knew no boundaries, I knew no blocks, I flew with my wings, scaring them all, The bad smoke, or the holy air, All saw my flight...
1 comment:
बहुत सुंदर…आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
Post a Comment