Apr 5, 2009

नकाब ऐसा इक मैं भी ओढ़ लूँ

छोड़ दूँ ,
मोड़ दूँ,
इस पल से ख़ुद को तोड़ लूँ,
रास्तों पड़ रूहों के साए,
नकाब ऐसा इक मैं भी ओढ़ लूँ,
खो जाऊं,
खोज लूँ,
जाग कर सोच लूँ,
कल तुझमें मैं समाया था,
आज तुझको ख़ुद में समेट लूँ,
रास्तों पड़ रूहों के साए....
नकाब ऐसा इक मैं भी ओढ़ लूँ.....

First Guest Post: RANDOMLY ACCURATE!

I am sitting in front of the television, watching something but not actually watching as my eyes are stuck on the screen but my mind i...