"हम धुंद में छिपे बारिश की बूँदें हैं,
कब भिगो जायें,
पता भी नही चले!!!"
ये हमारा डर नही है तो और क्या है,
इस बात का डर है की कहीं कोई और हमारी परछाई न चुरा ले,
उसे ओढ़ वो, वो न बन जाए जो कभी हम बनना चाहते थे,
ये हमारा डर नही है तो और क्या है?
TRYING TO PRESERVE MY WRITINGS!!! (:p) I KNOW THERE ARE LOTS OF HUMAN CATS AROUND!!!..:p
FAKIR/RASPUTIN(amit)
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